केंद्र सरकार ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक प्रमुख योजना है पीएम कुसुम योजना। इस योजना का उद्देश्य किसानों को सोलर एनर्जी से चलने वाले पंपों का उपयोग करके अपनी फसलों की सिंचाई में मदद करना है।
अब मिलेगी सब्सिडी PM Kusum योजना के तहत
कुसुम योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा प्रदान की गई सब्सिडी के कारण किसान अब सस्ते में सोलर पंप इंस्टॉल कर सकते हैं। सोलर पंपों का उपयोग न केवल पारंपरिक बिजली पर निर्भरता को कम करता है, बल्कि किसानों के ऑपरेटिंग खर्चों को भी कम करता है। डीजल या बिजली से चलने वाले पंपों की जगह, सोलर पंप एक स्थायी और निरंतर जल आपूर्ति प्रदान करते हैं।
पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाने वाले किसानों के लिए सब्सिडी
पीएम कुसुम योजना 2019 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी और इसे मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (MNRE) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार किसानों को सोलर पंप इंस्टॉल करने के लिए 30% सब्सिडी प्रदान करती है, जबकि राज्य सरकारें 45% सब्सिडी देती हैं। इसका मतलब है कि किसानों को केवल 25% टोटल कॉस्ट का भुगतान करना होता है।
इसके अतिरिक्त, सरकार इस योजना के तहत इंस्टॉल किए गए सोलर पंपों के लिए बीमा भी प्रदान करती है। पीएम कुसुम योजना का मुख्य लक्ष्य सोलर एनर्जी का अधिकतम उपयोग करना और किसानों की सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाना है। आज तक, देश भर में 3 मिलियन से अधिक सोलर पंप इंस्टॉल किए जा चुके हैं।
केंद्र सरकार की रूफटॉप सोलर स्कीम मिशन को 13 फरवरी को लॉन्च किया गया था। इस स्कीम को लेकर लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल-जवाब हैं। इस खबर में आपके हर सवाल का जवाब मिलेगा। इस योजना के तहत आप बिजली सरकार को बेचकर पैसे भी कमा सकते हैं।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को ‘पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ नाम से एक योजना शुरू की जिसके लिए ₹75,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस योजना के तहत, 1 करोड़ परिवारों को अपने घरों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में मदद मिलेगी, जिससे बिजली बिल को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
भारत में छतों पर लगायी जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं के मामले में लागत सबसे कम है। इसकी लागत देश में 66 डॉलर प्रति मेगावाट-घंटा है जबकि चीन में यह 68 डॉलर प्रति मेगावाट-घंटा है और वह दूसरे सबसे सस्ता देश है।
भारत में छतों पर लगायी जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं के मामले में लागत सबसे कम है। इसकी लागत देश में 66 डॉलर प्रति मेगावाट-घंटा है जबकि चीन में यह 68 डॉलर प्रति मेगावाट-घंटा है और वह दूसरे सबसे सस्ता देश है। एक वैश्विक अध्ययन में यह कहा गया है। कम लागत के कारण घरों और वाणिज्यिक एवं औद्योगिक भवनों में इस्तेमाल किए जाने वाले छत पर लगे सौर पैनल जैसी रूफटॉप सोलर फोटोवोल्टिक (आरटीएसपीवी) तकनीक, वर्तमान में सबसे तेजी से लगायी जाने वाली ऊर्जा उत्पादन तकनीक है।
आज भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट पेश किया। इस बजट में ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है। इस स्कीम की शुरुआत प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के उद्घाटन के दिन की थी। अब तक लगभग 1.28 करोड़ से अधिक लोग पंजीकरण कर चुके हैं और लगभग 14 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं।
अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुरूप, एक करोड़ घरों को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाने हेतु रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना पर लोगों की प्रतिक्रिया काफी अच्छी रही है जिसके अंतर्गत 1.28 करोड़ से अधिक पंजीकरण किए गए हैं और 14 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, तथा हम इसे आगे और प्रोत्साहित करेंगे।
विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में ऊर्जा जरूरतों के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में परमाणु ऊर्जा के तैयार होने की आशा है।
Energy Security
The Finance Minister said, in line with the announcement in the interim budget, PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana has been launched to install rooftop solar plants to enable 1 crore households to obtain free electricity up to 300 units every month. The scheme has generated remarkable response with more than 1.28 crore registrations and 14 lakh applications.
Nuclear energy is expected to form a very significant part of the energy mix for Viksit Bharat.